Census 2027: Will start from March 1, know the whole process and new changes
17 साल बाद फिर से भारत में राष्ट्रीय जनगणना होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह जनगणना 1 मार्च 2027 से पूरे देश में शुरू होगी। इस बार जाति जनगणना के साथ-साथ यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी। राष्ट्रीय जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी।
📌 जनगणना 2027 कब से शुरू होगी?
- ➡️ देशभर में जनगणना 1 मार्च 2027 से शुरू होगी।
- ➡️ बर्फीले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी।
- ➡️ पूरी प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर की जाएगी।
- ➡️ पहले इस प्रक्रिया में लगभग 5 साल लगते थे, अब इसे 3 साल में पूरा किया जाएगा।
📌 जनगणना दो हिस्सों में होगी
- पहला चरण:
- ✔ लोगों की गिनती
- ✔ आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार, आवास आदि का डेटा संग्रह
- दूसरा चरण:
- ✔ जाति आधारित गणना
- ✔ दशकों बाद केंद्र स्तर पर जातियों की विस्तृत गणना संभव
- ✔ 1931 के बाद पहली बार यह कवायद हो सकती है
📌 इस बार क्या नया होगा?
- ✅ जनगणना कर्मचारियों द्वारा हर घर जाकर जाति के बारे में पूछा जाएगा।
- ✅ जाति के लिए अलग कॉलम बनाया जाएगा।
- ✅ परिवारों की आर्थिक स्थिति जैसे पक्का या कच्चा घर होने की जानकारी भी ली जाएगी।
- ✅ पूरी जनगणना डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी, जिससे डेटा संग्रहण और प्रक्रिया तेज होगी।
📌 भारत में अब तक कितनी बार जनगणना हुई है?
- ➡️ भारत में अब तक कुल 15 बार जनगणना हो चुकी है (1872–2011)।
- ➡️ पहली पूर्ण जनगणना 1872 में लॉर्ड मेयो के काल में हुई।
- ➡️ 1949 से जनगणना गृह मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर द्वारा कराई जाती है।
- ➡️ 1951 के बाद से सभी जनगणनाएं 1948 के सेंसस ऑफ इंडिया एक्ट के तहत होती हैं।
- ➡️ यह एक्ट केंद्र सरकार को जनगणना कराने या डेटा जारी करने के लिए बाध्य नहीं करता।
- ➡️ अंतिम जनगणना 2011 में हुई थी।
- ➡️ 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण टाल दी गई थी।
जनगणना 2027 की यह डिजिटल और जाति आधारित पहल देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सरकारी नीतियों को बेहतर दिशा मिलेगी।